Thursday, July 19, 2007

Why I like Harry Putter....

सुजाता जी के ब्लॉग पर टिप्पणी लिखने के बाद मैने सोचा कि मुझे हरी पुत्तर कि किताबों में क्या अच्छा लगा?
उसे कार के ईंधन के लिये पेट्रोल नही चहिये, दुनिया में शान्ति बढेगी अगर पेट्रोल का उपभोग कम होगा…
शायद ये कि वह स्वयम बहुत अच्छा जादूगर है, पर उसे बचाने के लिये बहुत सारे लोग लगे हैं…
या फिर मुझे हेर्मोइने का चरित्र ज्यादा भाता है…
या फिर लेखिका के जीवन से प्रभावित हूं…
या फिर हरि अपनी ट्रेन यात्रा में तरह तरह कि अजीब मिठायी खाता है…
या कि हरि फिरन्गी है…(अरे फिरन्गी ने लिखा है)
या फिर मेरे अन्दर का बच्चा कल्पनिक दुनिया को “enjoy” करता है…
या फिर हम सभी एक जादूगर को ढूंढ रहे हैं

2 comments:

Neelima said...

अब हम क्या कमेंट करें हमॆं तो हैरी पोटर पसंद ही नहीं है !

tejas said...

नीलिमा जी, धन्यवाद आपकी टिप्पणी के लिये। यही तो सौन्दर्य है साहित्य का…।सबके लिये कुछ न कुछ उप्लब्ध है…। दीपक चोपडा से “tuesday with Morris”, से “Ann Frank”, “एक गधे की आत्म्कथा”, “the vinchi code”, “the monk who sold his ferrari”, शीवानी, महादेवी वर्मा तो अग्येय, “Eric Segal”
ज़ो आपको अच्छा लगे, वो बताइये…।